A Heartfelt Tribute to Pujya Badi Didi

पूज्या बड़ी दीदी को भावभीनी श्रद्धांजलि
पूज्या बड़ी दीदी! हम, जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालयों के समस्त सेवक जन, अत्यंत शोकाकुल हैं, आपके आकस्मात अपने दिव्य धाम प्रस्थान से गहरे आहत।
सन् 2009 में हमारी परम पूज्या अम्मा, माँ पद्मा, के महाप्रयाण और 2013 में हमारे प्राण स्वरुप गुरुवर, जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की लीला संवरण के बाद, बड़ी दीदी पिछले 11 वर्षों से हमारी मार्गदर्शक रही हैं।
उनकी सान्निध्य ने हमारे मन को विश्वास और हमारी भावना को संजीवनी दी। कठिन क्षणों में भी, उनका संग हमें आशा देता रहा और उनकी सलाह हमें राह दिखाती रही। आज, उनकी अनुपस्थिति में, हम उस मार्गदर्शन और शक्ति की कमी महसूस कर रहे हैं, जो वह सहजता से प्रदान करती थीं।
अत्यंत कोमल तन और मन स्वामिनी होते हुए भी हमारी बड़ी दीदी में अद्भुत नेतृत्व क्षमता थीl स्वयं आगे बढ़ का कठिनतम परिस्थितियों का डट कर सामना करने वालीl
उन्होंने हमारी इच्छा शक्ति को सबल बनाया, हमें सेवा के लिए सर्वस्व समर्पण करना सिखाया,
हम सभी में वह केवल अच्छाई देखतीं थीं, हमारी कमियों को नज़र अंदाज़ करतीं, गलतियों को क्षमा करतीं, और करुणा के साथ हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देतीं।
हम सब पर उनका अडिग विश्वास थाl ऐसा कह सकते हैं कि हमारी ऊर्जा का स्रोत भी वही थीं।
जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने अपनी असीम करुणा के साथ मानवता की सेवा हेतु तीन नि:शुल्क चिकित्सालयों की स्थापना की—कृपालु धाम, मनगढ़ और रंगीली महल, बरसाना, और जगद्गुरु धाम, वृन्दावन।
सन् 2013 में श्री महाराजजी की दिव्य लीला संवरण के समय, वृंदावन का चिकित्सालय का निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में था।
ऐसे कठिन समय में, बड़ी दीदी, डॉ. सुश्री विषाखा त्रिपाठी, और उनकी छोटी बहनों, डॉ. सुश्री श्यामा त्रिपाठी और डॉ. सुश्री कृष्णा त्रिपाठी, ने अदम्य संकल्प के साथ नेतृत्व संभाला।
बड़ी दीदी ने हम समर्पित स्वयंसेवकों को एक टीम में बदल दिया, हमें प्रेरित किया कि हम वृंदावन चिकित्सालय का निर्माण यथाशीघ्र पूर्ण करें।
कठिनाइयों के बावजूद, वह कभी विचलित नहीं हुईं और 18 सितंबर 2015 को जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय, वृंदावन का निर्माण पूर्ण होकर उसका भव्य उद्घाटन हमारी बड़ी दीदी के नेतृत्व में मंझली दीदी और छोटी दीदी के करकमलों से हुआl वह एक विलक्षण अवसर था जब तीन साध्वी परम वैराग्यवान बेटियों ने अपने पिता और दीन बंधु, अकिंचन परिपालक जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज का संकल्प पूरा कियाl
आज, आपके तीनों चिकित्सालय सेवा और करुणा के प्रकाश स्तंभ स्थापित हैं और करोड़ों निर्धनों और अन्य रोगियों को जाति, धर्म, और पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना उच्च-स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
24 नवंबर 2024 को, 75 वर्षों की निःस्वार्थ सेवा के बाद, बड़ी दीदी अपने दिव्य धाम को प्रस्थान कर गईं हैं। उनकी सेवा और प्रेम ने हमारे दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है।
पूज्या बड़ी दीदी! श्री महाराजजी का भगवदीय स्वरुप हमें ज्ञात हैl यह भी ज्ञात है कि हमारी पूज्या मंझली दीदी और पूज्या छोटी दीदी उसी अनंत शक्ति का असीम पुंज हैंl हम पूर्ववत ही प्रेरणा, प्रेम और नेतृत्व पाते रहेंगेl हम यह प्रण भी लेते हैं कि हम सदैव पूज्या मंझली दीदी और पूज्या छोटी दीदी के आदेशों का पालन करने और उनके महान संकल्पों को पूरा करने की सेवा को अपना परम सौभाग्य मानेंगेl
श्री राधा कृष्ण, श्री महाराजजी अम्माँ के साथ दिव्य गोलोक धाम में लीला करती आपकी छवि हमारे मन में बसी रहेगी किन्तु आपका परम सौन्दर्यवान प्रेममय व्यक्तित्व, आपकी स्मित मुस्कान, और निकटता को हम कभी भुला नहीं पाएंगेl

आपके समर्पित सेवकगण, जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालयों के प्रबंधन, डॉक्टर, और स्टाफ l

Homage and Tribute to Poojya Badi Didi
(By the staff of all three Jagadguru Kripalu Chikitsalayas)


We are a grief-stricken lot, shaken by the loss of our beloved Badi Didi. After the departure of our deeply cherished Poojya Amma, Ma Padma, in 2009, and the divine departure of our revered Guruwar, Jagadguru Shri Kripaluji Maharaj, in 2013, Badi Didi became our guiding light for the last 11 years. She embodied strength, wisdom, and love, standing tall as our mentor, the most respected elder, and the most adored figure. With her unwavering leadership, she saw only the good in all of us, forgiving our mistakes and guiding us gently toward the right path with compassion.
Her belief in us was unshakable, and with her, we found not only a moral booster but the very source of our energy. Her vision and faith were the forces that fuelled our collective spirit. Even in moments of difficulty, her presence gave us hope, and her advice illuminated our way. Now, in her absence, we yearn for the guidance and strength she so effortlessly provided.
Jagadguru Shri Kripaluji Maharaj, with his boundless compassion, laid the foundation of three charitable hospitals to serve humanity—at Kripalu Dham, Mangarh, and Rangeeli Mahal, Barsana. However, after Maharajji’s divine departure, the third hospital in Vrindavan was still in its early stages. It was during this critical time that Badi Didi, Dr. Sushri Vishakha Tripathi, and her sisters, Dr. Sushri Shyama Tripathi and Dr. Sushri Krishna Tripathi, took on the leadership with unwavering determination.
Badi Didi transformed us into a team of dedicated volunteers, inspiring us to complete the Vrindavan hospital at the fastest pace. Despite the challenges, her spirit never faltered. Under her guidance, the Jagadguru Kripalu Chikitsalaya in Vrindavan was completed and inaugurated on 18th September 2015, fulfilling a sacred vision. Today, all three hospitals stand as pillars of compassion, providing top-quality healthcare to all, regardless of background, caste, or religion.
On 24th November 2024, after 75 years of selfless service to Guru and humanity, Badi Didi left for her divine abode. Her dedication and love have left an indelible mark. The management, doctors, and staff bid her a tearful farewell, knowing her legacy will live on in every patient healed and every act of kindness she inspired.
We are confident that Badi Didi, now engaged in the divine Leela of Shri Maharajji and Poojya Ma Padma, will continue to guide us under the compassionate service of our Guruwar.
Badi Didi! Shri Maharajji’s divinity is well known to us. It is also known to us that our revered Manjhli Didi and Chhoti Didi are infinite reservoirs of that same eternal power. We have no doubt that as before, we will continue to receive inspiration, love, and guidance from them.
We promise to honour the commands of Poojya Manjhli Didi and Poojya Chhoti Didi, working tirelessly in fulfilling their noble resolves, keeping your divine example ever in our hearts.
But, at the same time Badi Didi! Your smiling and inspiring presence will always be deeply missed.
With love, reverence, and regards –
We, the Management, Doctors, and Staff, all your humble servants and devotees, miss you and shall ever miss you.